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Makka, Kauva Aur Kavi Tatha Anya Kavitayen

140.00 119.00

ISBN: 978-93-80048-79-6
Edition: 2014
Pages: 64
Language: Hindi
Format: Hardback


Author : Ramesh Chandra Dwivedi

Category:
पं. रमेशचन्द्र द्विवेदी
द्विज कुलोत्तम, ब्राह्मण कुलोद्भव पं. रमेशचन्द्र द्विवेदी के पूर्वज बलिया जनपद के ग्राम फरसाटार छितौनी के हैं। इनका जन्म तिनसुकिया, असम में 23 मई, 1942 को हुआ था। इनके विद्वान् पिता पं. शिवदत्त दुबे एम. ए. बी. टी. उन दिनों हिंदी-इंग्लिश हाई स्कूल तिनसुकिया में हेडमास्टर थे। उन्होंने अंग्रेज, अंग्रेजियत और अंग्रेजी शासन का डटकर विरोध किया और आंदोलन का हिस्सा बने। यह वह समय था जब ‘अंग्रेजो भारत छोड़ो’ का आंदोलन अपने उत्कर्ष पर था। इनका पालन-पोषण राष्ट्रीय चेतना से परिपूर्ण पारिवारिक परिवेश में हुआ है। इनके एक पूर्वज नारायण दुबे ने 1857 में अंग्रेज सिपाहियों को अपने ग्राम में प्रवेश करने से रोका था। फलस्वरूप अंग्रेज सैनिकों ने उन्हें उनकी झोंपड़ी में बंद करके जीवित जलाकर मार डाला था। ग्रामवासी पं. नारायण दुबे को नुनुआ बाबा के नाम से नियमित श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हैं। इनके साहित्यिक रुझान के प्रेरणास्रोत इनके माता-पिता हैं। दोनों अतिशय विद्वान् और ज्ञान के विपुल भंडार थे। आध्यात्मिक जीवन की प्रेरणा इन्हें बाबा पशुपति नाथ (स्वामी ईशानंद सरस्वती) से मिली। सन् 2004 में इन्होंने उज्जैन के सिंहस्थ कुंभ में नागा संप्रदाय में शैव मत की दीक्षा ली और संन्यासी बने। संप्रति सदाशिव संन्यास मठ, वजीराबाद, दिल्ली के श्री महंत हैं। निरंतर भ्रमणशील पं. रमेशचन्द्र द्विवेदी की निम्नांकित पुस्तकें सुधी पाठकों, साहित्य सेवियों और विद्वान् आलोचकों के लिए द्रष्टव्य हैं—‘पोर-पोर कविता विभोर’, ‘भारत माता ग्राम वासिनी’, ‘ढूँढ़ता हूँ शब्द-शब्द में सूर्योदय’, ‘मेरे युग की पीड़ा’ (काव्य-संग्रह) ०  ‘तुलसी’, ‘श्रद्धानन्द की कहानियाँ’ (कहानी) ०  ‘निमेष जी की डायरी’, ‘यदा-कदा’ (डायरी) ० ‘The Shaft of Sun light’, ‘Written Words’, ‘Melodies of the earth’ (अंग्रेजी कविताएँ)
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