बंगला के लब्ध्प्रष्ठि उपन्यासकार प्रमथनाथ विशी के इस उपन्यास को बंगला साहित्य में विशिष्ठ स्थान प्राप्त है।
इस ऐतिहासिक उपन्यास में लेखन ने इ्र्रस्ट इण्डिया कम्पनी के दौर में बंगाल के जमीदारों की जघन्यताओं का हृदय-द्रावक चित्र प्रस्तुत किया है। पारम्परिक हिंसा-प्रतिहिंसा, प्रतिशोध एवं पलासी के युद्ध में बंगाल की दारुण अंतरंग व्यवस्था की रोमांचपूर्ण गाथा इस उपन्यास का आधार है…
आज के सन्दर्भ में यह उपन्यास इसलिए भी, महत्त्वपूर्ण है कि इसमें उस शस्त्रग्राही बंगाल के अतीत की वह झांकी मिलती है, जो हम आज प्रत्यक्ष बंगला देश की मुक्तिवाहिनी में देख रहे हैं।
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जोड़ादीघी के चैधरी / Jodadighi ke choudhary
₹125.00 ₹106.25
ISBN : NA
Edition: 1997
Pages: 208
Language: Hindi
Format: Hardback
Author : Pramathnath Vishi
Category: Novel
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