नीलेश रघुवंशी अपने दौर के पुरुष और महिला कवियों से इस रूप में अलग हैं कि उनके लिए कविता हमारे सामान्य निम्नमध्यवर्गीय जीवन से अलग, विच्छिन्न या उससे उच्चतर काम नहीं है, बल्कि वह उसी जीवनी के भीतर घटित होती है। उनकी कविता अपने समय के भौतिक और मानसिक द्वंद्वों को अनदेखा करके अभिव्यक्ति का कोई अपरिचित लोक नहीं रचती। वह जीवन को जारी रखने वाले कामों का निषेध नहीं करती, बल्कि उन्हीं कामों में से अपने को उत्पन्न करती रहती है।
घर-निकासी / Ghar-Nikaasi (PB)
₹70.00
ISBN: 978-81-7016-396-1
Edition: 2009
Pages: 112
Language: Hindi
Format: Paperback
Author : Neelesh Raghuvanshi
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