Description
संत रैदास का जिस समय आविर्भाव हुआ, वह समय भारतीय इतिहास का मध्य युग कहलाता है। इस युग में देश में ने केवल राजनीतिक अस्थिरता व्याप्त थी, बल्कि सारा देश सामाजिक, धार्मिक और आर्थिक दृष्टि से भी बंटा हुआ था। हर ओर ‘अपनी ढफली अपना राग’ वाली कहावत चरितार्थ हो रही थी। सारे देश में राजनीतिक पतन के साथ-साथ धार्मिक मूल्यों का भी पतन हो रहा था।
-इसी पुस्तक से
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