Description
‘विदुर की आत्मकथा’ नाम अपने इस काव्यात्मक नाट्य रूपक में कवि हीरालाल बाछोतिया ने विदुर की स्वभावगत विशिष्टताओं एवं आम जन के प्रति उनकी संवेदनाओं और सोच को संवाद-शैली में काव्यमय ढाँचे में बाँधा है- अत्यंत प्रभावशाली और प्रेरक प्रारूप में
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