संस्कृत भाषा का कालजयी साहित्य विश्व-भर में आदर पाता रहा है। संस्कृत के ललित साहित्य में दर्शन और मानवीय व्यापारों का रसमय और उदात्त रूप बड़ी कलात्मकता से उकेरा गया है। राजसी गरिमा और प्रवृत्तियों के साथ ही सामान्य जन के आचरण और मनोभावों, सामाजिक रीति-रिवाजों, उच्च विचारों, प्रकृति का मनोहारी अलौकिक सौंदर्य जिस कुशलता से संस्कृत साहित्य में मिलता है, वह अनुपम है।
संस्कृत साहित्य हमारी समृद्ध विरासत है। हम उससे गौरवान्वित हैं। मगर कम लोग ही उस अनोखी संपदा से सुपरिचित हैं। इसका कारण भाषा से अनभिज्ञता तथा ग्रंथों का वृहत् आकार है।
यदि हम अपनी प्राचीन संस्कृति और साहित्य-परंपरा से अल्प परिचित बने रहते हैं तो अपनी गरिमा को ही क्षति पहुंचाते हैं और एक अत्यंत शानदार सभ्यता के उत्तरदाधिकारी कहलाने का हक नहीं रखते।
इन्हीं विचारों को लेकर संस्कृत साहित्य के सात महाकाव्यों और नाटकों की विषयवस्तु कथाओं के रूप में इस पुस्तक में प्रस्तुत की गई है।
-हरिकृष्ण तैलंग
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बुद्ध चरितम् / Buddha Charitam (PB)
₹350.00 ₹300.00
ISBN: 978-81-88121-71-7
Edition: 2023
Pages: 120
Language: Hindi
Format: Paperback
Author : Hari Krishan Tailang
Category: Paperback
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