Description
बलदेव वंशी की इन कविताओं में हमारे समय-समाज, संस्कृति, इतिहास, साहित्य, मिथकशास्त्र की चिंताएँ-समस्याएँ एवं चुनौतियाँ अंतव्र्याप्त हैं। बीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध का कसकता-दुखता काव्यानुभव ही यह कवि-कर्म है। यह कवि-मन इतिहास की आग को कविता में सभ्यता-समीक्षा करने का आकांक्षी है।
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