जीवन क्या है?
इंसानियत किसे कहते हैं?
धर्म की इयत्ताएँ क्या हैं?
सृष्टि का उद्दिष्ट क्या है?
क्यों हम घृणा, द्वेष और अत्याचार से पीड़ित हैं?
क्यों हमें पाप-छाया आवृत्त किए है?
वह किसका अथवा किनका किया पाप है?
न चाहते हुए भी
जिसको भोगने के लिए हम विवश हैं!
इन अनुत्तरित प्रश्नों के चक्रव्यूह को अथवा संदिग्ध उत्तरित प्रश्नों को, इन प्रश्नों के विषबुझे तीरों को अकेले ही भीष्म पितामह की तरह और शिवशंकर की नाईं जिसने झेला और जो सद्यः महकते पुष्प की नाईं जिया-उस प्रातः स्मरणीय मानवता के विनम्र पुजाती को, नतशिर हो श्रद्धा-सुमनों की यह मकरंद माला गद्गद हृदय से अर्पित है।
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डाॅ. अम्बेडकर: जीवन-मर्म / Dr. Ambedkar : Jeevan-Marma
₹280.00 ₹238.00
ISBN: 978-81-88125-34-0
Edition: 2011
Pages: 256
Language: Hindi
Format: Hardback
Author : Dr. Rajendra Mohan Bhatnagar
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