दीर्घ नारायण की कहानियाँ आजादी के बाद के भारतीय गाँव की कहानियाँ हैं। किसान, स्त्री, समाज के हाशिए पर ढकेले गए लोग, उनकी समस्याएँ, संघर्ष और इसके बीच इनके जीवन की निरंतरता पर प्रेमचंद से लेकर अब तक लिखा गया है। प्रेमचंद के समय के गांव बदले जरूर हैं, परंतु सामंतवादी व्यवस्था की जगह वर्चस्व की राजनीति, शोषण-उत्पीड़न के नए-नए रूप, बाजारवाद के फैलाते प्रभाव, जातिगत-सांप्रदायिक विद्वेष, अपनेपन और सद्भाव का विलोप, किसानों की हताशा, पलायन और आत्महत्याओं ने पूरे परिदृश्य को ज्यादा विकृत कर दिया है। विकास के नाम पर गांव का दोहन तो हुआ ही, निचले पायदान पर खड़ा व्यक्ति नहीं रह गया। पंचायतीराज, गांव के विकास के लिए सरकारी योजनाओं, चकबंदी, भूमि सुधार के नाम पर गरीब, दलित, स्त्री-जिस पर किसी वर्चस्वशाली का हाथ नहीं है-का शोषण आम बात हो गई है जिसे इन कहानियों में पुरजोर ढंग से उठाया गया है।
-प्रताप दीक्षित
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चंदर की सरकार / Chandar Ki Sarkar
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ISBN : 978-81-951663-0-5
Edition: 2021
Pages: 176
Language: Hindi
Format: Hardback
Author : Dirgha Narayan
Out of stock
Category: Stories
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