Description
लेखक ने बहुत निर्भीकता से जीवन के उन पक्षों को सामने लाने की कोशिश की है जो प्रायः वर्जित माने जाते हैं या उन्हें टाल दिया जाता है। समाज के प्रति लेखक की प्रतिबद्धता दिखाई पड़ती है। मानव मूल्यों के लगातार कमजोर होते रहने की कहानियाँ ‘जिंदगी-जिंदगी’ संकलन में दिखाई पड़ती है। एक और महत्त्वपूर्ण बात यह है कि लेखक के विषय सीमित नहीं हैं। सूक्ष्म मनोभावों से लेकर जीवन की कठोर सच्चाइयां तक कहानियों का विषय बनते हैं।
लेखक की भाषा बहुत साफ-सुथरी और मानक भाषा है जिसमें रचनात्मकता का पुट उसे कलात्मक बनाता है।
-असगर वजाहत
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