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Yeh Dilli Hai

125.00 106.25

ISBN: 978-81-89982-74-4
Edition: 2012
Pages: 64
Language: Hindi
Format: Hardback

Author : Raj Buddhiraja

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Category:

Description

1945 की बात होगी। दुनिया भर में दिल्ली का अच्छा खासा रुतबा हुआ करता था। कारण यह कि इस रेशमी शहर पर महारानी एलिजाबेथ का राज्य हुआ करता था। तब से लेकर अब तक मैंने इस महानगर के कई रूप देखे, बचपन से लेकर अब तक। मैंने सड़सठ वर्षों तक दिल्ली के साथ-साथ सफर किया है। दिल्ली कई-कई बार उजड़ी, बसी-यह मैंने कई ऐतिहासिक ग्रंथों में पढ़ा है, और कई-कई बार उसके रूप-सागर में गहरी डुबकियां भी लगाई हैं। 1911 की बात होगी। महारानी एलिजाबेथ ने क्वीजवे में एक दिल्ली बरबार लगाया था। जिसमें कई दिग्गज विद्वानों को निमंत्रित किया गया था। उनमें तत्कालीन समाजसुधारक स्वामी दयानन्द सरस्वती को भी निमंत्रित किया गया। उनके बैठने के लिए स्वर्ण की कुर्सी बनवाई गई थी, वह आज भी काकड़बाड़ी के आर्यसमाज,ख् मुंबई में सुरक्षित हैं।
-भूमिका से

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