Description
पुस्तक ‘वीरांगनाएँ’ राष्टं की उन सभी शूरवीर वीरांगनाओं को समर्पित है, जिन्होंने राष्टं के लिए अपने प्राणों की भी चिंता नहीं की।
बहुत सारी वीरांगनाएँ, जिनका जिक्र इस पुस्तक में नहीं है, लेकिन उन्होंने राष्टं के लिए अपने प्राणों की बलि दी है, जिनकी वजह से आज हम स्वतंत्र भारत में स्वतंत्रता से जीवन यापन कर रहे हैं, उन सभी वीरांगनाओं को यह पुस्तक समर्पित है। हर वह वीर शिरोमणि शक्ति, जिसका उद्देश्य भारत की रक्षा, भारत का विकास करना है, वह पूज्यनीय है। मेरी यह पुस्तक उन माँओं को भी समर्पित है, जिन्होंने वीर पुत्रों या वीर पुत्रियों को जन्म दिया और उनको ऐसे संस्कार दिए। आज भी जो नारी शक्ति देश के विकास में अपना योगदान किसी भी रूप में दे रही है, उन सभी वीर शक्तियों को यह पुस्तक समर्पित है। देश के सुरक्षा बलों में आज भी नारी शक्ति अपना पूर्ण योगदान दे रही है। उस नारी शक्ति को यह पुस्तक समर्पित है। अंत में मैं यही कहना चाहूँगी कि मेरी यह पुस्तक राष्टं की नारी शक्ति को समर्पित है, जिने अपने प्राणों की ̄चता न करके राष्टं की ̄चता की है और आज भी कर रही है। ज्ञात-अज्ञात नारी शक्ति को यह पुस्तक समर्पित है। नारी शक्ति को नमन है।