Description
हिंदी के पाठक और आलोचक, मुझे केवल गांधीवादी कवि कहकर पढ़ते-प्यार करते हैं पर मैं कोरा गांधीवादी नहीं हूं-मेरे चिंतन पर अनेक विचार प्रभाव कार्य करते हैं-अद्वैत दर्शन का भी मुझ पर गहरा असर है। जय प्रकाश और राममनोहर लोहिया का भी। कभी-कभी लगता है, लोहिया की तरह मैं भी एक कुजात गांधीवादी हूं।
-इसी पुस्तक से