Description
यह पुस्तक पेरेंटिंग से संबंधित अनुभव पर आधारित है, जो सिद्धांतों से ज्यादा व्यावहारिक प्रयोग पर जोर देती है। इतना ही नहीं, वरन् आधुनिक वातावरण में यह सभी माता-पिता की बच्चों से संबंधित रोजमर्रा की समस्याओं को समझने एवं सुलझाने में उनकी सहायता करेगी तथा उनकी बच्चों परवरिश करने की प्रक्रिया को एक आनंद यात्रा के रूप में परिवर्तित कर देगी। उम्मीद करती हूँ कि यह अभिभावकों के मूल्यांकन पर खरी उतरेगी। इस पुस्तक को पढ़ने के उपरांत आप—
-अपने बच्चे के व्यवहार के पीछे के कारणों को समझ पाएँगे।
-अपने बच्चे की परवरिश में सकारात्मक पेरेंटिंग शामिल कर पाएँगे।
-अपने बच्चे के अंदर आत्मविश्वास व आत्मनिर्भरता के महत्त्व को समझ पाएँगे व इसे कैसे उनके जीवन का प्रमुख भाग बनाएँ, इसे सीख पाएँगे।
-आप अपने बच्चे के अंदर सकारात्मक सोच द्वारा उनके व्यक्तित्व में परिवर्तन कर सकते हैं।
-उन्हें प्रश्न पूछने के साथ-साथ उनके समाधान पाने के लिए प्रेरित कर पाएँगे।
-डिजिटल समय में बच्चों को डिजिटली स्मार्ट तो बनाना है पर गैजेट पर वे ज्यादा समय न व्यतीत करें, इससे संबंधित उपाय पर ध्यान केंद्रित कर पाएँगे।
-परवरिश में परिवार के विभिन्न सदस्यों की भूमिका को निर्धारित कर पाएँगे।
-बच्चे को भविष्य की चुनौतियों के लिए आज से ही तैयार कर पाएँगे।
-आप इस किताब में दिए गए छोटे-छोटे उपायों का प्रयोग करके बच्चों में स्वतः ही सौम्य व सकारात्मक व्यवहार संबंधी परिवर्तन देख पाएँगे।