Description
‘अच्छी कहानी’ और ‘बुरी कहानी’ के गलत सन्दर्भ में इस संग्रह की कहानियों के बारे में मुझे कुछ नहीं कहना है, क्योंकि अच्छी या बुरी होने का सवाल तब उठता है जबकि वे दिमागी ऐयाशी के लिए लिखी गयी हों-ऐयाशरी का वह वक्त हमारे हिस्से में नहीं आया। मेरी दृष्टि में कहानी की कीमत इसमें नहीं है कि वह अच्छी है या बुरी, उसकी सार्थकता और निरर्थकता भी मेरी नजर में बहुत माने रखती है।
-कमलेश्वर