बुक्स हिंदी 

-15%

कवि ने कहा: अरुण कमल / Kavi Ne Kaha : Arun Kamal

190.00 161.50

ISBN : 978-93-81467-17-6
Edition: 2012
Pages: 144
Language: Hindi
Format: Hardback


Author : Arun Kamal

5 in stock

Compare
Category:

Description

कवि ने कहा: अरुण कमल
यहाँ जो कविताएँ संकलित हैं वे मेरी सभी चार प्रकाशित कविता-पुस्तकों एवं आने वाली पुस्तक से ली गई हैं। कुछ कविताएँ ऐसी भी हैं जो इन पुस्तकों के बाहर की हैं जो लिखी तो पहले गईं परंतु जिनका समावेश नहीं हो सका। ये कविताएँ मैंने खुद चुनी हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि बाकी कविताएँ जो यहाँ नहीं हैं वे इनसे हीनतर हैं या उनसे मेरा स्नेह कम है। हो सकता है कुछ लोगों को वे ही अधिक पसंद आवें। चाहिए तो यह कि किसी भी कवि की सभी रचनाओं को यानी पहली से लेकर अब तक एक साथ पढ़ा जाए। तब जाकर चित्र पूरा होता है क्योंकि कोई भी एक कविता अपने में पूरी नहीं होती, उसकी नाल किसी पिछली में होती है और मंजरी आगे बहुत दूर चलकर दिखलाई पड़ती है। इसलिए कई बार ओझल रह जाने वाली कविताएँ ध्यान देने पर बहुत महत्त्वपूर्ण लगती हैं।

Vendor Information

  • 5.00 5.00 rating from 3 reviews
X

< Menu