Description
प्रस्तुत पुस्तक के संयोजक का यह दृढ़ विश्वास है कि कोई ऐसा बृहत् हिन्दी साहित्य का इतिहास लिखा जाए, जिसमें पूरे राष्ट्र का हिन्दी सृजन नाक-भौं सिकोड़े बिना संकलित एवं मूल्यांकित किया गया हो। ‘हिन्दी के सृजनकर्मी’ में प्रथम प्रयास के रूप में तेरह ऐसे लेखक-लेखिकाओं का व्यक्तित्व-कृतित्व प्रस्तुत किया गया है, जो संयोजक के मतानुसार साहित्येतिहास में उल्लेख के अधिकारी हैं। उनके योगदान की उपेक्षा करना हिन्दी के विकास एवं गौरव पर कुठारघात करना होगा।