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GANDHI JI: MAHATAMA BANNE KEE PRERNAA (PB)

695.00 590.00

ISBN: 978-93-91797-06-5
Edition: 2023
Pages: 240
Language: Hindi
Format: Paperback

Author : P.V. Kotame

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Description

गाँधी जीः महात्मा बनने की प्रेरणा
गांधी जी पर असंख्य कृतियां लिखी गईं। गांधी जी ने अपनी आत्मकथा में भी सब कुछ पारदर्शी बयान किया है। कई लोग उनके जीवन और विचारों से प्रभावित रहे हैं और भविष्य में भी कई प्रभावित होते रहेंगे। इसी क्रम में प्रो. (डॉ.) पी. व्ही. कोटमे ने ‘महात्मा पूर्व बैरिस्टर मोहनदास गांधी’ विषय चुना। गांधी जी को जब से महात्मा गांधी कहा जाने लगा तो इससे पूर्व के जीवन पर व्यापक चर्चा के उद्देश्य से उन्होंने इस कृति की रचना की। इसके लिए उन्होंने व्यापक अध्ययन और अनुसंधान किया। लेखक ने गांधी जी के संघर्ष भरे दिनों को विशेष रूप से रेखांकित किया। उनका व्यक्तित्व राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फलक पर उभरने से पहले कैसा था? उनका बचपन, परिवेश, पढ़ाई और दक्षिण अफ्रीका में बैरिस्टर के रूप में कार्य करने के दौरान आई चुनौतियों को सार्थकता के साथ इस पुस्तक में विश्लेषित किया गया है।
लेखक ने गांधी पूर्व युग की पृष्ठभूमि में पोरबंदर के आसपास की भौगोलिक और सांस्कृतिक स्थितियों की विस्तार से चर्चा की है। पुस्तक में गांधी परिवार का वंश-वृक्ष दर्शाया है। इसमें गांधी जी का बचपन, प्राथमिक शिक्षा और स्वभाव का विस्तृत चित्रण मिलता है कि वे किसी के पिछलग्गू नहीं रहे, किसी की नकल नहीं की, पर बहुत संकोची स्वभाव के थे। लोगों से बात करने का साहस उन्हें नहीं था। उन्हें डर रहता था कि कोई उनकी खिल्ली न उड़ाए। हाई स्कूल की शिक्षा, विवाह, पिता की सेवा और बैरिस्टर बनने के लिए लंदन पहुंचने तक की जीवन-यात्रा के तमाम पड़ावों को पार करते हुए गांधी जी दक्षिण अफ्रीका पहुंचते हैं। लेखक ने दक्षिण अफ्रीका की प्राकृतिक, भौगोलिक, राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, सांस्कृतिक तथा ऐतिहासिक परिवेश का सार्थक लेखा-जोखा किया है। गांधी जी इस नये परिवेश में तमाम चुनौतियों से जूझ रहे थे। डच, पोर्तुगीज और अंग्रेज अपने उपनिवेश के रूप में इस इलाके को देखते। ब्रिटिशों ने अपने पैर जमाए और मूल निवासियों का शोषण कर उन्हें मजदूर बनाया।

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