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ब्रह्म कमल / Braham Kamal

300.00 255.00

ISBN : 978-93-85054-00-6
Edition: 2016
Pages: 176
Language: Hindi
Format: Hardback


Author : Swati Tiwari

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Category:

Description

प्रेम का अहसास कब और किस मोड़ पर होगा यह कहा नहीं जा सकता पर प्रेम का सच्चा अहसास मन के खंगालने पर ही मिलता है। पर कई बार शायद हम इसमें बहुत देर कर देते हैं… मन का ऐसा मंथन निर्मल मना कमल जैसे इस उपन्यास के पात्र ही कर सकते हैं. प्रेम का बीज मन रूपी धरती पर सबके अन्दर दबा रहता है-जैसे ब्रहम कमल का सुप्त बीज। और ब्रहम कमल की तरह प्रेम का पवित्र बीज भी स्नेह की पतली धारा में भीगना चाहता है | अंकुरण की चाह में दिल की जमीन में दबा सुप्त पड़ा रहता है… बस जरूरत है यह समझने की कि प्रेम पाने की पात्रता, प्रेम देने की क्षमता से आती है और हम पाना तो चाहते हैं देने में चूक जाते हैं… जीवन का राग, जीवन का रंग, जीवन का प्रतीक होता है प्रेम | जो प्रसाद होता है मन मंदिर का। उपन्यास यथार्थ की तमाम संभावित सतहों के आर-पार स्त्री की इच्छा को टोहता है| मानव के सामाजिक यथार्थ के परे एक प्लेटोनिक प्रेम तत्व के आसपास विस्तार पाता है। आप गौर से देखेंगे तो इस उपन्यास में कोई भी पात्र प्रेम के यथार्थ से आंख नहीं चुराता बल्कि उसे कुछ अतिरिक्त निष्ठा से निभाता ही है. कुछ इसी तरह… हिमालय की चोटियों पर भोर होते से सांझ ढले तक, जब मंदिरों से घंटे और शंखों की आवाज आती है चट्टानों केबीच अचानक कई ब्रहम कमल खिल उठते हैं। प्रकृति के ये प्रस्फुटन होते हैं कितने पवित्र ? इतने पवित्र कि आस्था और विश्वास के साथ श्रद्धा के फूल बन जाते हैं-ब्रहम कमल |

इसी पुस्तक से…

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