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भारतीय वाड्मय पर दिव्यदृष्टि / Bhartiya Vangmay Per Divyadrishti

400.00 340.00

ISBN: 978-93-84788-15-5
Edition: 2016
Pages: 256
Language: Hindi
Format: Hardback

Author : Kashi Ram Sharma

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Category:

Description

भारतीय वाड्मय का एक बहुत बड़ा भाग चार महास्तंभों पर आश्रित है। वे हैं: रामायण, महाभारत, पुराण और बड्ढकहा (बृहत्कथा)। सभी भारतीय भाषाओं के रचनाकारों ने आदिकाव्य रामायण, जयकाव्य महाभारत और पुराणों को अपना उपजीव्य बनाया हैं संस्कृति और प्राकृत भाषाओं का पर्याप्त वाड्मय ‘बड्ढकहा’ पर भी आश्रित है। अतः इन चार महास्तंभों का सम्यक् परिचय प्राप्त किये बिना भारतीय वाड्मय का सुचारु अध्ययन संभव नहीं। इस बात को तो लोग प्रायः स्वीकृत कर लेते हैं कि भारतीय वाड्मय भवन का बहुत बड़ा भाग इन चार स्तंभों पर टिका है पर ये महास्तंभ किस ‘घातु’ के बने हैं, यह जानकारी बहुत ही कम लोगों को है। इस पुस्तिका में उस धातु का परिचय कराने का विनम्र प्रयास है। वह धातु क्या है और उसका उद्गम स्थान कहां है, यह भी बताने का प्रयास किया गया है।

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