Description
रंग आकाश में शब्द नरेन्द्र मोहन और शामा की एक ऐसी अपूर्व कलाकृति है जिसमें रंग और शब्द, चित्र और कविता परस्पर जुड़े होते हुए भी अपना एक मौलिक उत्कर्ष रचते हैं। यहाँ एक साथ कई सौंदर्य-छवियाँ, रंग-रेखाएँ और शब्द प्रकाशमान हैं। हिंदी में, भारतीय कविता में इसे अपनी तरह का पहला और अनूठा प्रयोग माना जा सकता है।
कविता और चित्र यहां बिंब-प्रतिबिंब रूप में आमने-सामने नहीं हैं, साथ-साथ हैं। उनमें अनुपात बैठाना या अर्थों-आशयों की समांतरता ढूंढ़ना दोनों कलाओं को कमतर आंकना होगा, हालांकि दोनों में छिपे रचना-सूत्रों की खोज की जा सकती है। दरअसल, कविता और कला संबंधी यह एक बिलकुल नई तरह का अंतरावलंबन है। चित्रों के रंग-संकेत, छवियां और छायाएं यहां कविता के अंतरंग का हिस्सा बनी हैं।