Description
हमारे दैनिक जीवन में हम अनेक कहावतों और मुहावरों का प्रयोग करते हैं। ये कहावतें और मुहावरें हमारे जीवन में अच्छी तरह रच-बस गए हैं।यह कहना बड़ा मुश्किल है कि इन की शुरुआत सबसे पहले कौन सी भाषा में और कौन से स्थान हमारे देश में कहावतों की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। संस्कृत के प्राचीन ग्रंथों में कहावतों का प्रयोग मिलता है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि हिंदी में सभी कहावतें संस्कृत से ही आई हैं। हिंदी में भी बहुत सी नई कहावतें गढ़ी गई हैं। हिंदी में कहावत को लोकोक्तिया सूक्ति भी कहा जाता है।हिंदी के अलावा अन्य भारतीय भाषाओं, जैसे-तमिल, तेलुगु, मलयालम, बंगला, गढ़वाली, कुमाऊँनी, भोजपुरी, अवधी, राजस्थानी आदि में भी अपनी अलग कहावतें हैं।वैसे एक भाषा से दूसरी भाषा में इनका आदान-प्रदान शुरू से होता आया है।अंग्रेजी में कहावत को ‘प्रोवर्ब’ कहा जाता है।अंग्रेजी की अपनी कहावतें हैं। कुछ अंग्रेजी कहावतें हिंदी कहावतों से मिलती-जुलती हैं, जैसे-अंग्रेजी की कहावत ‘माइटइजराइट’ का हिंदी रूपांतर ‘जिसकी लाठी उसकी भैंस’ है। इस कहावत की कहानी इस पुस्तक में है।अंग्रेजी भाषा के अलावा अन्य विदेशी भाषाओं, जैसे-इटैलियन, ग्रीक, फ्रेंच आदि में भी अपनी-अपनी कहावतें प्रचलित हैं।सभी भाषाओं की कहावतों में कुछ कहावतें तो ऐसी होती हैं जिनके समान कहावतें दूसरी भाषाओं में भी मिल जाती हैं। लेकिन कुछ कहावतें ऐसी हैं जिन पर स्थानीय प्रभाव होता है और उस तरह की कहावतें अन्य भाषाओं में नहीं मिलतीं। इस तरह के उदाहरण करीब-करीब हर एक भाषा की कहावतों में मिलते हैं। मुहावरा अरबी भाषा का शब्द है। संस्कृत में इसके लिए वाग्धारा, वाग्वृत्तियावा रीति शब्दों का प्रयोग होता है। अंग्रेजी में इसे ‘ईडियम’ कहा जाता है।वैसे तो हिंदी में भी अनेक कहावतें और मुहावरे प्रचलित हैं उन सबसे जुड़ी हुई कहानियाँ भी हैं। इस पुस्तक में हम कुछ कहावतों और मुहावरों से जुड़ी हुई कहानियाँ प्रस्तुत कर रहे हैं।यदि ये कहानियाँ पाठकों को अच्छी लगी तो हम कुछ और कहावतों और मुहावरों से जुड़ी हुई कहानियाँ लेकर पाठकों के सामने उपस्थित होंगे।