Description
विभिन्न विषयों और क्षेत्रों में प्रयुक्त होने के साथ-साथ हिंदी के इधर कई रूप विकसित हो गये हैं: जेसे, व्यावसायिक हिंदी, विज्ञापन की हिंदी तथा पत्रकारिता की हिंदी आदि। ऐसी स्थिति में, अब समय आ गया है कि हिंदी के इन सभी रूपों को अलग-अलग अध्ययन किया जाए। उसी दिशा में यह एक प्रारंभिक प्रयास है जिसमें संक्षेपण, पल्लवन, पत्र-लेखन, प्रतिवेदन, टिप्पण तथा प्रारूपण, आदि विषय लिये गये हैं जिनकी आवश्यकता कार्यालयों में पड़ती है। इसके साथ ही प्रशासनिक शब्दावली (विवेचन एवं शब्द-सूची) को भी, संबद्ध होने के कारण, इसमें सम्मिलित कर लिया गया हैं एक अध्याय प्रूफ-पठन पर भी है। कार्यालयी अनुवाद की समस्या सामान्य अनुवादों से अलग होती है, अतः अंत में एक अध्याय उस पर भी जोड़ दिया गया है। आशा है प्रस्तुत पुस्तक इस विषय में रुचि रखने वालों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।
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