Description
‘अब भी अशेष’ संकलन जीवन-द्रव्य से पुष्ट कविताई लिए है। जीवन-जगत् की छोटी-बड़ी चीजों में, उनकी साधारणता में भी ओम भारती अतिरिक्त एवं बड़ा अर्थ भरते रहे हैं। यह काम वे निजी और नये भाषायी रजिस्टर में करते हैं। हर अगली लिखत में वे जैसे स्वयं को भी नया करते चलते हैं। पुस्तक की शीर्षक-कविता काव्य-पाठ पर ए दिलचस्प दृष्टि है, जो कवि के संप्रेषित होने पर एक ईमानदार संदेह करती है।
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