अत्र कुशलं तत्रास्तु


Atrakushalamtatrasatu

रामविलास शर्मा तथा अमृतलाल नागर के पत्र

बंबई
11.3.45

प्रिय विलास,
रमेश से भेंट हुई। निरालाजी के स्वास्थ्य के सम्बन्ध में मैंने उन्हें आंखों देखी, कानों सुनी बता दी। उन्हें डॉक्टर को दिखाने का प्रबन्ध तुमने डॉ. सिंह से मिलकर किया होगा। या फिलहाल तुम इसकी जरूरत ही नहीं समझते! जैसा हो खुलासा लिखना। आप लोगों की अपील का यह असर हुआ कि यहां के कई गुजराती पत्रों ने हिन्दी के लेखकों की हीन दशा बतलाते हुए निरालाजी के लिए भीख की अपील प्रकाशित की है। मैंने उन पत्रों को मंगवाया है और उन्हें पढ़ने के बाद मैं यदि जरूरत समझुंगा तो इस भीख के विरोध में गुजराती पत्रों में अपना वक्तव्य दुंगा। चंदा संसद के लिए इकट्ठा किया जा सकता है। किसी भी लेखक के नाम पर भीख नहीं मांगी जा सकती, यह उसके स्वाभिमान को चोट पहुंचाना है।
जन प्रकाशन से एक द्वैमासिक पत्र निकालने की स्कीम आज नरेन्द्र, रमेश और संगल के साथ बनी है। संपादन मण्डल में 1. रामविलास शर्मा 2. यशपाल 3. शिवदानसिंह चौहान 4. प्रकाशचंद्र गुप्त और 5. पहाड़ी का नाम देने का निश्चय किया है। यहां काम करने वाले संपादक हैं नरेन्द्र, रमेश और मैं।
90 पृष्ठ की डिमाई साइज मेगजीन। दाम 1)। (सवा रुपया) 10 पृष्ठ विज्ञापन के अलग। नाम नया साहित्य। स्तम्भ निम्नलिखित रहेंगेः-
1. रचनात्मक साहित्य (अ) कहानी (आ) एकांकी (इ) कविता (ई) स्कॅच और (उ) उपन्यासों के अंश।
2. प्राचीन साहित्य का मूल्यांकन
3. सैद्धान्तिक विचार विनिमय
4. समकालीन प्रगतियां
5. साहित्यकार
6. पुस्तक परिचय
7. अंर्तप्रांतीय और विदेशी साहित्य
8. सांस्कृतिक जागरण की समस्या
अपनी राय देना।
उपन्यास छापने की बात भी आज रमेश से हुई। जनप्रकाशन से ही छपाने का प्रबन्ध होगा। उपन्यास अब मैं देता चलुंगा।
निरालाजी ने कब तक आगरे में रहने का निश्चय किया है? जल्द प्रयास भागने की तैयारी में तो नहीं हैं? आजकल उनका कार्यक्रम क्या रहता है? कुछ लिखते पढ़ते हैं?….हिन्दुस्तान के जंगलों में अब कितने शेर और जिंदा बच रहे हैं?
तुम आजकल कितना काम कर पाते हो?
बच्चों को प्यार और असीम।
नरोत्तम के लिए किशोर के यहां काम ठीक किया है। 250 रु. मासिक वेतन से श्रीगणेश होगा। कल ही मैंने उसे पत्र लिख दिया था।
तु.
अमृत

आवश्यक
मेरे उपन्यास के लिए नाम सुझाओ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *